BITS Trunk – यादों का पिटारा

BITSians' Day is back, and back are those hazy memories which do not get place in our chitchats whenever I meet my BITSian friend(s) because many more prominent memories take up the lions share and surprisingly push back these long gone memories back, even further. Few days ago, I was just remembering the days when … Continue reading BITS Trunk – यादों का पिटारा

सिर्फ एक बार !

काफी दिन हो गए कुछ लिखे हुए.. आपसे गुफ्तगू किये हुए.. काफी व्यस्त था नौकरी की खोज में और आखिर में मैं भी बाबू बन ही गया.. आप सभी की दुआ के लिए शुक्रिया..मैं कभी भी सोच कर नहीं लिखता हूँ.. कभी मेरे आस-पास कुछ होता है तो लिखता हूँ.. यूँ कहें कि लिखते-लिखते सोचता … Continue reading सिर्फ एक बार !

एक महत्त्वपूर्ण संकल्प

ठीक साल भर बाद इसी दिन एक और पोस्ट..पता नहीं इस दिन क्यों लिखना चाहता हूँ पर चाहता हूँ इसीलिए लिख रहा हूँ..पर इस बार कुछ अलग.. बदलाव आवश्यक है और निरंतर है.. एक साल में मैं भी बदला हूँ, दुनिया भी..बिट्स में भी बदलाव आ रहा है.. आशा है अच्छे के लिए ही आये..पर … Continue reading एक महत्त्वपूर्ण संकल्प

मुझे नौकरी चाहिए..

कैम्पस पर वापस आ कर घर जैसा लग रहा है.. जहाँ किसी बात की कोई चिंता नहीं है.. जब मन करे सो जाओ.. और जब मन करे, उठो..खाना खाया? कोई पूछने वाला नहीं.. नहाया? कोई पूछने वाला नहीं.. और ना ही पूछने वाली :)यहाँ से दूर रहकर ज़िन्दगी कैसी होती है.. इसका अंदाज़ा तो हो … Continue reading मुझे नौकरी चाहिए..

प्यार, यार, वार !!

पिछले एक पोस्ट में मैंने बिट्स में भारतीय संस्कृति को बचाए रखने पर यहाँ के छात्रों की तल्लीनता पर प्रकाश डाला था पर आज अफ़सोस कि एक अँधेरा सा छा रहा है उस पोस्ट पर, इस संस्कृति पर और हमारी काबिलियत पर। आज हमारे फाईनल एक्ज़ाम ख़त्म हुए हैं और तभी फुर्सत में ये पोस्ट … Continue reading प्यार, यार, वार !!

जंग का मैदान, मन है शैतान

हाँ मुझे पता है इस बार काफी देर हुई है कोई पोस्ट करने में | मैं आलसी नहीं हूँ पर क्या करुँ बीच में हमारा तकनीकी महोत्सव, अपोजी आ गया और सबसे बड़ी दिक्कत यह रही कि कोई विषय ही नहीं मिल रहा था | पर आज अंततः मेरी और मेरे प्रिय दोस्तों की एक … Continue reading जंग का मैदान, मन है शैतान

संस्कृति ? या सिर्फ़ मजाक ?

अभी अभी ऑडी हो कर आ रहा हूँ...बस यूँ ही चल पड़ा था... देखने कि कैसी तैयारियां चल रही हैं ... कल संस्थापक दिवस पर होने वाले वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की...अब साहब यूँ समझ लीजिये की कुछ छुपे हुए कलाकार [कलाकार ?? जाने भी दो ...] अपने आपको किसी तरह उस बिल से निकालने की … Continue reading संस्कृति ? या सिर्फ़ मजाक ?

जय हो माल – जय हो !!!

आइये जनाब आज आप लोगों को बिट्स के महलों की बात बताएं :जिस तरह राजाओं का राजा होता है महाराजा उसी तरह बिट्स में भवनों का राजा है :पंडित मदन मोहन मालवीय भवन [ओह्ह आपको नहीं पता ये कौन सा भवन है ?? ये है माल भवन] |यहाँ पर हम प्यार से (सही में प्यार … Continue reading जय हो माल – जय हो !!!

शुभकामनाएँ !!!

इस सेमेस्टर का आखिरी पोस्ट..धुंध में धुंधलाती आँखों को,पेपरों में कांपते हाथों को,15 दिनों से चल रहे niteouts को,sem के आखिरी लम्हातों को,कह रहा हूँ..टाटा, Gud Bye, सलाम..X'Mas और नया साल हो आपका सुखद,बस यही दुआ के साथ पहुंचे आप तक यह पैगाम |कोशिश करूँगा छुट्टियों में कुछ लिख पाऊँ.तब तक..सायोनारा, आदाब, दसविदानियाँ...[:)] . . … Continue reading शुभकामनाएँ !!!

बचपन से बुढ़ापा – Psenti Special

**** यह कविता काफ़ी लम्बी है [:)] | यह जानकारी उन लोगों के लिए है जो यह सोचकर ब्लॉग पढ़ रहे हैं कि शायद एक छोटी सी कविता आपके समक्ष होगी |पर आपको काफ़ी संयम के साथ इसका पठन करना पड़ेगा | यह अलग से नोट मैंने कुछ लोगों की टिपण्णी के बाद डालने का … Continue reading बचपन से बुढ़ापा – Psenti Special