Hungry Kya ??

सोया था मैं टुन्न [अरे साहब खाना खा कर (क्या सोच रहे हैं आप ??)] हो कर, खोने को किसी की यादों में, पर कमबख्त कुछ समाचार ने, लगा दी है आग यादों में। क्या खोने में सोये थे, और किस उलझन में खो गए हैं, कोई तो कुछ उपाय बताओ, अजीब मुसीबत में फँस … Continue reading Hungry Kya ??

गिनती ज़िन्दगी की

बच्चे थे तो टॉफियाँ गिना करते थे,थोड़े बड़े हुए तो दोस्त गिना करते थे,स्कूल पहुंचे तो हाथों पर छड़ियाँ गिना करते थे,कॉलेज आए तो मार्क्स गिना करते थे,थोड़े और बड़े हुए तो गर्ल-फ्रेंड्स गिना करते थे,नौकरी लगी तो तरक्कियां गिना करते थे,शादी हुई तो बच्चे गिना करते थे,फैक्ट्री लगाई तो रूपए गिना करते थे,दादा बने … Continue reading गिनती ज़िन्दगी की

शुभकामनाएँ !!!

इस सेमेस्टर का आखिरी पोस्ट..धुंध में धुंधलाती आँखों को,पेपरों में कांपते हाथों को,15 दिनों से चल रहे niteouts को,sem के आखिरी लम्हातों को,कह रहा हूँ..टाटा, Gud Bye, सलाम..X'Mas और नया साल हो आपका सुखद,बस यही दुआ के साथ पहुंचे आप तक यह पैगाम |कोशिश करूँगा छुट्टियों में कुछ लिख पाऊँ.तब तक..सायोनारा, आदाब, दसविदानियाँ...[:)] . . … Continue reading शुभकामनाएँ !!!

बचपन से बुढ़ापा – Psenti Special

**** यह कविता काफ़ी लम्बी है [:)] | यह जानकारी उन लोगों के लिए है जो यह सोचकर ब्लॉग पढ़ रहे हैं कि शायद एक छोटी सी कविता आपके समक्ष होगी |पर आपको काफ़ी संयम के साथ इसका पठन करना पड़ेगा | यह अलग से नोट मैंने कुछ लोगों की टिपण्णी के बाद डालने का … Continue reading बचपन से बुढ़ापा – Psenti Special

देखो वो BITSIAN चला जा रहा है

कोई जगाओ, कोई उठाओ कोई बताओ,देखो वो BITSIAN चला जा रहा है,थका हारा, नींद का मारा, सोया जा रहा है,देखो वो BITSIAN चला जा रहा है |अरे Time-Table बनाने का बीड़ा उठाया है,Seniors ने.....Ragging पर बुलाया है,वो थका हारा, Ragging का मारा, सोया जा रहा है,देखो वो BITSIAN चला जा रहा है |हर Tut जाने … Continue reading देखो वो BITSIAN चला जा रहा है

कोई लौटा दे…

यह कविता मेरे उस बचपन की याद में लिखी गई है जिसे याद करके मैं आज भी कभी-कभी सिहर उठता हूँ | हाँ,मैं आज भी जब अकेले कभी बैठा होता हूँ तो मुझे वो मासूम चेहरा याद आता है और बस अपने कन्धों से अपनी आंखों को पोंछ भर लेता हूँ | मैं यह नहीं … Continue reading कोई लौटा दे…