My article on Amitabh Bachchan's blog!
अमिताभ सर का ब्लॉग और मेरा लेख
My article on Amitabh Bachchan's blog!
The story of Superman of Gurgaon imagined through the experience of a common man being conned by the politicians and bureaucrats.
जब अंतरजाल का खोला डब्बारह गया मैं हक्का-बक्का किसी को होड़ थी नाचने कीकिसी की दौड़ थी हँसाने की राजनीति पर था किसी का शिकंजाकिसी का खेलों पर था पंजा चित्रकारी किसी ने कुशल दिखाईनकल में अकल दूजे ने लगाई मेला-रेला-खेला देखाविदूषक होने की न सीमा रेखा झट जो मन में बातें आतीराय बनाकर परोसी … Continue reading राय का रायता
एक सुबह मन में निश्चय कर के उठा कि सच तो क्या, उसकी नानी भी ढूँढूँगा। पता नहीं खुद से भी झूठ बोल रहा था या सच में ऐसा सोच लिया था। पर जो भी था, मन में ठान तो लिया था। नहा-धोकर, खा-पीकर एक सरकारी कार्यालय में घुसा तो देखा कि चपरासी झूठ की … Continue reading झूठ की धुलाई वाला सच
मुंबई शहर पर एक बाहरी व्यक्ति की सोच, एक कविता के रूप में..
कल ही की तो बात थी जब अपने कॉलेज के एक छोटे से कमरे में बैठे, गरमाती लू के चक्कर में किंवाड़ को खुला रखे, अध्-टूटी खिड़कियों से सरसराती गर्म-ठंडी हवा, खट-खट कर चलते पंखे और अपनी पूरी लौ के साथ जलते उस ट्यूबलाइट के तले ये सफ़र शुरू हुआ था।
समाज में बढ़ते दिवसों के चलन पर आधारित यह व्यंग्य उन बिन्दुओं को छूता है जो अनजाने में हमारा हिस्सा बन रहे हैं पर असल में उनका हमारे जीवन पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं है।
विविध भारती, कोटा, मैं और एक अविरल रिश्ता.. कुछ यादें..
ब्लॉगिंग और इस सफ़र से जुड़ी खुद पर लिखी एक समीक्षा और आगे बढ़ने की कोशिश पर मेरे कुछ खयाल..
सब धन में मगन हैं न चैन, न अमन है खरीदना सबको गगन है बस एक अविरल अगन है सब धन में मगन हैं