दर दर गंगे (किताब समीक्षा)

कई सालों बाद कोई किताब की समीक्षा कर रहा हूँ अपने ब्लॉग पर। पिछली बार तब, जब प्रेमचंद की पहली उपन्यास पढ़ी थी। अगर इतिहास में गोता लगाना चाहें तो यहाँ लगाइए।आज बात करेंगे "दर दर गंगे" की। यह किताब मैंने खरीदी नहीं थी पर मुझे भेंट स्वरुप प्राप्त हुई। दरअसल फेसबुक पर गुरुप्रसाद जी … Continue reading दर दर गंगे (किताब समीक्षा)