होली आमंत्रण न मिलने से खिजियाए हुए बाल लंगोटन साहब द्वारा ग़ज़लों की शामत।
बाल लंगोटन, होली और ग़ज़लें
होली आमंत्रण न मिलने से खिजियाए हुए बाल लंगोटन साहब द्वारा ग़ज़लों की शामत।
होली का हुड़दंग (कविता)
आजकल लोग बुरा नहीं मान रहे, क्या बात हो गयी है ऐसे? अभी कुछ दिन पहले तक तो लोग सुई गिरने पर भी हल्ला बोल मचा देते थे। अभी कल ही एक दोस्त मिला कई अरसे बाद। मैंने उसे खूब खरी-खोटी सुनाई कि अब शादी हो गई है तो मिलता नहीं है, जोरू का गुलाम … Continue reading बुरा तो मानो… होली है!