बवाली लोग

"अरे भूकंप आया, भूकंप आया, भागो भागो, जान बचाओ" बस इतना सुनना था कि कमरे में बैठे दसों लोग हाथ उठाकर भागे पर जैसे ही आँगन में आये तो समझ आया कि बगल वाले अवैध घर को गिराने के लिए क्रेन कार्य पर लगा हुआ है और यही कारण है कि थोड़ा इनका घर भी … Continue reading बवाली लोग

बुरा तो मानो… होली है!

आजकल लोग बुरा नहीं मान रहे, क्या बात हो गयी है ऐसे? अभी कुछ दिन पहले तक तो लोग सुई गिरने पर भी हल्ला बोल मचा देते थे। अभी कल ही एक दोस्त मिला कई अरसे बाद। मैंने उसे खूब खरी-खोटी सुनाई कि अब शादी हो गई है तो मिलता नहीं है, जोरू का गुलाम … Continue reading बुरा तो मानो… होली है!

कुत्ता गोष्ठी

कुत्तों की गोष्ठी हो रही थी और आस पास वाले मोहल्लों से भी सहभागी इस गोष्ठी में शामिल हुए थे। गोष्ठी का कोई खास उद्देश्य तो नहीं था। बस अपनी-उसकी सफलताओं का अंधबखान, तालियाँ, भौंकालिया, इत्यादी। गोष्ठी एक छप्पर के नीचे जमी हुई है जो कुछ साल पहले किसी भिखारी की हुआ करती थी। इसमें … Continue reading कुत्ता गोष्ठी

कैसे कैसे गीत (भ्रष्ट गीत)

गीत तो हम सब गाते हैं। कुछ स्नानागार में, कुछ सभागार में, कुछ कारागार में, कुछ आगार (बस डिपो) में और भी न जाने कहाँ-कहाँ। गाना सबको आता है, यह तो कुदरती है। पर जनाब किसी को बोलिए कि दो पंक्ति सुना दे और वो नये नवेले दुल्हे की तरह शरमा जाता है (दूल्हा इसलिए … Continue reading कैसे कैसे गीत (भ्रष्ट गीत)

थूकन कला

"थूकना", यह एक ऐसा शब्द है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हर भारतीय बहुत ही परिचित और बहुत ही अनजान है। परिचित इसलिए क्योंकि वो इस क्रिया को दिन में कई बार करता है और अनजान क्योंकि वह यह प्रक्रिया अनायास ही करता रहता है। जिस कुशलता से हम साँस लेते हैं, उसी दक्षता से … Continue reading थूकन कला

"भाग डी.के.बोस" का सरल हिन्दी अनुवाद

यह लेख मैंने काफी पहले लिखा था पर पोस्ट नहीं किया था । पहले ही बता दूं कि गीत की गहराई को समझते हुए इसके विश्लेषण को आराम से पढ़ें । पोस्ट की लम्बाई पर मत जाओ, अपना समय लगाओ 🙂 Daddy मुझसे बोला, तू गलती है मेरी तुझपे जिंदगानी guilty है मेरी साबुन की … Continue reading "भाग डी.के.बोस" का सरल हिन्दी अनुवाद

बक-बक

फिर से आ टपका हूँ मैं ब्लॉग-जहां में.. किसलिए?अरे बस ये मत पूछिए.. बस यूँ समझिये की इधर से गुज़र रहा था तो सोचा की आप सबको साष्टांग प्रणाम करता चलूँ.. आशीर्वाद दिए बगैर भागिएगा मत यहाँ से..बहुत दिनों से सोच रहा था कि क्या लिखूं? क्या लिखूं? कुछ पल्ले नहीं पढ़ रहा है.. तो … Continue reading बक-बक

रजनी चालीसा

आज कल रजनीकांत पर बहुत सारे एस.एम.एस और दो लाईना बन रहे हैं.. भैया अब वो हैं ही ऐसे कमाल के..६१ साल में ऐसे-ऐसे कारनामे अपनी फिल्मों में जो करते हैं.. नव-कलाकारों की तो सिट्टीयां और पिट्टीयां सब गुम हो गए हैं.. रजनीकांत ने जितनी मेहनत और निष्ठां से फ़िल्मी जगत को एक से बढ़ … Continue reading रजनी चालीसा