The story of Superman of Gurgaon imagined through the experience of a common man being conned by the politicians and bureaucrats.
Superman of Gurgaon (SOG)
The story of Superman of Gurgaon imagined through the experience of a common man being conned by the politicians and bureaucrats.
(व्यंग्य) ख़ुफ़िया पत्रकार सुकडू सिंग की हमारे चहेते नेता श्री भोजभक जादू से टूटी सड़कों पर विशेष बातचीत के कुछ अंश।
यदि आपको रोना आ गया तो आप इस देश के सच्चे नागरिक हैं क्योंकि भारत एक रुदन प्रधान देश है।
एक संस्मरण जहाँ हिंदी ने एक प्रेम कहानी गढ़ी है।
जब अंतरजाल का खोला डब्बारह गया मैं हक्का-बक्का किसी को होड़ थी नाचने कीकिसी की दौड़ थी हँसाने की राजनीति पर था किसी का शिकंजाकिसी का खेलों पर था पंजा चित्रकारी किसी ने कुशल दिखाईनकल में अकल दूजे ने लगाई मेला-रेला-खेला देखाविदूषक होने की न सीमा रेखा झट जो मन में बातें आतीराय बनाकर परोसी … Continue reading राय का रायता
एक सुबह मन में निश्चय कर के उठा कि सच तो क्या, उसकी नानी भी ढूँढूँगा। पता नहीं खुद से भी झूठ बोल रहा था या सच में ऐसा सोच लिया था। पर जो भी था, मन में ठान तो लिया था। नहा-धोकर, खा-पीकर एक सरकारी कार्यालय में घुसा तो देखा कि चपरासी झूठ की … Continue reading झूठ की धुलाई वाला सच
मुंबई शहर पर एक बाहरी व्यक्ति की सोच, एक कविता के रूप में..
"अरे भूकंप आया, भूकंप आया, भागो भागो, जान बचाओ" बस इतना सुनना था कि कमरे में बैठे दसों लोग हाथ उठाकर भागे पर जैसे ही आँगन में आये तो समझ आया कि बगल वाले अवैध घर को गिराने के लिए क्रेन कार्य पर लगा हुआ है और यही कारण है कि थोड़ा इनका घर भी … Continue reading बवाली लोग
छोटे शहरों से आए लोगों को बड़ा शहर कितना या कितने दिनों तक भाता है, उसी सोच पर आधारित एक लेख।